कीटनाशकों के पंजीकरण और कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात संबंधी दस्तावेज जारी करने के लिए दो पोर्टल लॉन्च

तोमर ने कहा कि नए पोर्टल में निर्यातकों द्वारा आवेदन से लेकर स्‍वच्‍छता प्रमाण-पत्र जारी करने तक की प्रक्रियाओं को बिना मानवीय हस्‍तक्षेप के पूरा किया जा सकेगा। इससे समयबद्धता और पारदर्शिता के साथ सुगमता भी आएगी। इस पोर्टल से फल-सब्‍जियां, अनाज आदि के उत्‍पादकों व संबंधित उद्योगों को अपने उत्‍पाद निर्यात करने में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर की सुविधा प्राप्‍त होगी

कीटनाशकों के पंजीकरण और कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात संबंधी दस्तावेज जारी करने के लिए दो पोर्टल लॉन्च

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कीटनाशकों के पंजीकरण और कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात संबंधी दस्तावेज जारी करने के लिए दो पोर्टल लॉन्च किए हैं। पहले पोर्टल का नाम CROP (Comprehensive Registration of Pesticides- कीटनाशकों का व्यापक पंजीकरण) है, जो फसल सुरक्षा सामग्री के पंजीकरण संबंधित प्रक्रिया को गति व पारदर्शिता प्रदान करता है। दूसरा पोर्टल है PQMS (Plant Quarantine Management System- वनस्पति संगरोध प्रबंधन प्रणाली), जो कृषि उत्‍पादों के निर्यात व आयात संबंधी दस्‍तावेज जारी करने में मुख्‍य भूमिका निभाता है।

तोमर ने कहा कि नए पोर्टल में निर्यातकों द्वारा आवेदन से लेकर स्‍वच्‍छता प्रमाण-पत्र जारी करने तक की प्रक्रियाओं को बिना मानवीय हस्‍तक्षेप के पूरा किया जा सकेगा। इससे समयबद्धता और पारदर्शिता के साथ सुगमता भी आएगी। इस पोर्टल से फल-सब्‍जियां, अनाज आदि के उत्‍पादकों व संबंधित उद्योगों को अपने उत्‍पाद निर्यात करने में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर की सुविधा प्राप्‍त होगी। इसके अलावा आयातित पौध सामग्री का पारदर्शिता और सुगमता से, समयबद्ध तरीके से प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है। 

इसी प्रकार कीटनाशी अधिनियम से संबंधित पोर्टल में पुराने क्रॉप परिचालन की समस्‍याओं को देखते हुए संशोधन किए गए हैं। नए क्रॉप परिचालन द्वारा फसल सुरक्षा सामग्री के सुगम पंजीकरण हेतु प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए, आवेदन से लेकर उन्‍हें जारी करने तक पारदर्शिता, सुगमता व समयबद्धता के साथ विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन जांच के बाद शीघ्रातिशीघ्र जारी किए जाएंगे। इस नई प्रणाली के माध्‍यम से आवेदकों को ई-भुगतान करना, दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराना व नवीनीकरण करना, बिना मानवीय हस्‍तक्षेप के संभव हो सकेगा तथा विभिन्‍न स्‍तरों पर किए जाने वाले इन कार्यों की सूचना आवेदक को समय-समय पर स्‍वत: प्राप्‍त होगी । इससे हमारे किसानों को फसल सुरक्षा सामग्री की उपलब्‍धता सुनिश्‍चित होगी। 

तोमर ने कहा कि कुछ राज्यों में टिड्डी दलों के हमले के समय कृषि मंत्रालय ने संबंधित मंत्रालयों से अनुमतियां लेकर टिड्डियों पर नियंत्रण पाया था, तब ड्रोन का भी उपयोग किया गया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तृत ड्रोन पालिसी बनाने को कहा था। कृषि मंत्रालय ने इसकी गाइड लाइन बनाकर भी जारी कर दी है और अब खेती में ड्रोन के व्यापक उपयोग के प्रयत्न हो रहे हैं, ताकि किसानों को सुविधा हो। 

तोमर ने कहा कि खाद्यान्न की दृष्टि से हमारा देश आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि सरप्लस है, जिसमें हमारे किसान भाइयों-बहनों का अथक परिश्रम, वैज्ञानिकों की कुशलता तथा केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों का योगदान है। कोविड के संकटकाल के दौरान भी कृषि क्षेत्र में पूरी तरह से कामकाज सुचारू चलता रहा, सरकार ने भी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने में कोई कमी नहीं आने दी। इस क्षेत्र को हम अपनी नीतियों, अनुसंधान, गुणवत्ता, प्रोत्साहन, पारदर्शिता, ईज आफ डूइंग बिजनेस से जितना मजबूत करेंगे, उतना ही हमारा देश ताकतवर होगा।  

इस मौके पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज जो दोनों पोर्टल लांच किए गए, उनसे किसानों एवं संबंधित उद्यमियों को लाभ मिलेगा। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि भारत सरकार की नीति पारदर्शिता की है, जिसके अनुरूप ही विभाग अपना काम कर रहा है। कार्यक्रम में सेंटर फार गुड गवर्नेंस के महानिदेशक राजेंद्र निमजे, आईसीएआर के अधिकारी-वैज्ञानिक, विश्‍वविद्यालयों के कुलपति, राज्‍यों के कृषि विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी, फसल सुरक्षा सामग्री के उत्‍पादन से जुड़े हुए उद्यमी एवं कृषि उत्‍पादों के निर्यातक व आयातक तथा किसानबंधु भी उपस्थित थे।

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